Sunday, August 31, 2008

हिन्दी दिवस

आज हिन्दी दिवस है
आज बोलेगे लिंखेगे हिन्दी

भाषण देते है अंग्रेजी में
कहते है हम हिन्दुस्तानी
बोले जो हिन्दी
वो कैसे हिन्दुस्तानी

सबी भाषायें है नियारी
तमिल तेलगु या हो मराठी
हमको लगे प्यारी
पर एक सुर में जो मिलाती है
हिन्दी वोः हिंदी भाषा है न्यारी

कागज़ पर अपनाओ हिन्दी को
कागज़ तो फट / कट जाते है
राष्ट्र भाषा का दरजा दिया है
मन से अपनाओ हिन्दी को

दिखादो दुनियावालो को
एक दागे में बन्दे है हम
हिन्दी हमारी भाषा है
जय हिंद हमारा नारा है

कैसे मिलेगे राम

राम का नाम है मुख में
रावण बसा है मन में
निकालो रावण को मन से
तभी मिलेगे राम

हरी हरी का जाप करके
हरिजन को धुतकारा है
गले मिला लो हरिजन को
तभी होगे हरी दर्शन


गीता पर हाथ रखकर
जूठ की बोली बोलते हम
सत्य को मानोगे जब
तभी मिलेगे कृष्ण

ढूढ़ते जिसे हम मन्दिर मस्जिद में
वोह बसा है हर दिल में
तोड़ो दिल किसी का
हर दिल में है राम

सब धरमो का एक है सार
है अनेक में एक
जो जाने इस सत्य को
उसने पाया भगवान

Tuesday, August 26, 2008

नकली शादी- भाग - २

केशव रात को शादी ख़तम होते ही सेठ भगवानदास के पास आया और जाने की इजाज़त मागी, सेठ ने कहा रात रुक जाओ सुबह होते चले जाना, अभी तो शादी की और रसम बाकि है, देखो कोई गलती नही करना। अपना मुह छुपाना ज्यादा किसी से बाते नही करना और दुल्हन से तो बिल्कुल नही.

रात काफी हो चुकी थी इसलिए केशव थक गया था, रात के करीब २ बजे थे, उसे नीद आ गई और सो गया। थोडी देर बाद कमरे में उसकी दुल्हन आई, उसने केशव तो नीद से जगाया और बाते करने को कहा।
बात तो टालने के लिए केशव फिर से सो गया, तबी दुल्हन ने कहा आज की रात तो कैसे नीद आएगी,
कुया भूख लगी है कुछ खाने को लाऊ,

कुछ देर बाद दुल्हन वापस आई बोली खाना तो सब बंद कर दिया, कुछ सेवया पड़ी है, कहो तो लाऊ । केशव को भूख नही थी फिर भी दुल्हन को भगाने के लिए बोला अच्छा तो लाओ ।

रात ऐसे ही बीत गयी, सुबह के पाच बजे केसव धीरे से उठा और भगवानदास से जाने की इजाज़त मागी और वहा से चला गया।

सेठ भगवानदास ने जल्दी से अपने काणे लड़के को उठाया और उसे दुल्हन के पास भेज दिया।

जब सुबह दुल्हन उठी और अपने पास किसी और को देख कर घबरा गयी और पूछी तुम कौन हो, लड़के ने कहा मे तो तुम्हारा पति हूँ रात हमारी शादी हुई है,

दुल्हन आखे मीच कर उसे देखने लगी, और बोली नही तुम वो नही हो, मैंने माना ठीक से देखा नही पर वो तुम नही हो, सच बताओ तुम कौन हो। लड़के ने फिर से उसे विश्वास दिलाया की मै ही भगवानदास का इकलोता बेटा हूँ और रात हमारी शादी हुई है।

दुल्हन का दिल नही माना और अपने पिता के पास गयी और सारी बाते अपने पिता से कही।

सेठ द्वारकादास बहुत पहुचे हुए थे, गाव के मुखिया थे, सेठ को भी कुछ शक हुआ पर वो लड़की के पिता थे इसलिए बिना साबुत के कुछ .....

Saturday, August 23, 2008

कुछ सपनों की खातिर: गुजारिश

कुछ सपनों की खातिर: गुजारिश

नकली शादी


एक गाव, कृष्णपुर, बहुत छोटा सा गाव, करीबन ९० घर का एक गाव, गाव के लोग महेनत मजूरी कर के अपना गुजरान करते थे, उस गाव में ऐक लड़का केशव अपनी बुडी माँ के साथ रहता था, केशव बहुत सुंदर था, जंगल में लकडिया काट कर अपना घर चलता था, एक दिन वोह जंगल में लकडिया काट कर थक गया और, एक पेड़ के निचे सो गया। उसे बहुत गहेरी नीद आ गयी। शाम होने को थी, इतने में वहा से एक बारात निकल रही थी।

बैंड बाजों के साथ बारात जा रही थी, आगे घोडे पर दूल्हा था साथ में बाराती, पर दुल्हे का बाप, भगवानदास, उदास मन से जा रहा था, वो इसलिए की, उसका लड़का काना था, उसकी एक आख नही थी, जब, शादी की बात हुई थी तब, दुल्हे के पिता ने, उसका लड़का काना है, यह बात छुपाई थी, अब जब वो बारात लेकर जा रहे है तो सच तो सामने आना था, शायद बारात वापस ले कर जन पड़े। लड़के का पिता बड़ी उल्जन में था।

फिर जैसे ही उसकी नज़र, पेड़ के निचे सोये हुए लड़के पर पड़ी, तो उसके मन में एक अजीब सी मुस्कान आ गई, उसने बारात को वही पर रुकने को कहा, और भगवानदास उस लड़के के पास आया, उसे नीद से जगाकर, पूछा, बेटे, तबियत तो ठीक है, शाम होने को है और अभी तक नीद में हो, किया उल्जन है।

केशव आखे मीच के एकदम उठा, और बोले, नही बाबा थोड़ा थक गया था, इसलिए नीद आ गई, बस अब मे जा रहा हूँ,
केशव उठ कर लकडिया सर पर रख कर जाने लगा तो, भगवानदास ने उसे रोका, बेटे मेरा एक कम करोगे?
केशव बोला, बाबा, बहुत देर हो गई है, और लकडिया भी बेचनी है, माँ राह देख रही होगी, जब मे घर जऊँगा तब माँ खाना बनाएगी, और मे बला आपका क्या काम कर सकता हु ।

भगवानदास ने लड़के को कहा, तुम मेरा बहुत बड़ा कम कर सकते हो, मे तुम्हे बहुत पैसे दुगा, भगवानदास ने केशव को सब सच बता दिया, और अपने साथ चलने को कहा।

केशव, पैसे की बात सुनकर, राजी हुआ, पर माँ को ...
भगवानदास ने कहा, माँ की चिंता मत करो, मेरा आदमी, तुम्हारी घर संदेशा दे देगा की तुम दो दिन बाद लौटोगे, बस एक रात के लिए तुम दूल्हा बन जाओ और शादी होने के बाद, सवेरे तुम वापस लौट आना, मे तुम्हे सौ रूपए दूंगा और वहा से जो भी मिले वो भी तुम रख लेना।

जैसे तैसे कर के भगवानदास ने केशव तो मन लिया और उसे नई कपड़े दिए दूल्हा बना लिया, सर पर शहेरा, घोडे पर बिठाया, बारात आगे चली।

मीठापुर गाव में सेठ द्वारकादास ने बारातियों का खूब स्वागत किया गया, केशव तो बहुत खुश हुआ, अच्छा सा खाना, अच्छे कपड़े, और इतना मान सन्मान, उसने तो कभी सपने में भी नही सोचा था की ऐसा कभी नसीब में होगा, लेकिन दिल अन्दर से गबरा रहा था, क्या जो वो कर रहा है वो सही है या नही। पर उसने मन तो मन लिया, अपना क्या जाता है शादी होने के बाद, मे तो चला, बाकि सेठ जाने और उसका काम। सौ रूपए मिलेगे माँ खुश होगी और हमारी गरीबी दूर होगी।

शादी की रसम देर रात तक चली, सभी खुश थे, लेकिन केशव कुछ डर रहा था और जल्दी से शादी ख़तम हो और वो वहा से निकल चले, पुरोहित तो कुछ ज्यादा ही देर कर रहा था उसे दक्ष्ना तो मिलनी थी, शादी में लड़की ने केशव तो एक अंगूठी पहनाई, और एक सौ रुपे और भी मिले, रात के एक बजे शादी की रसम पुरी हुई।

केशव जल्दी से भगवानदास के पास आया और जाने की इजाज़त मागी....





Friday, August 15, 2008

कुछ नुस्के [कमर का दर्द]

१। अजमा और गुर मिलाके सुबह और शाम खाने से कमर का दर्द मिट जाता है ।
२। सुठ का चूरन गरम पानी के साथ लेने से कमर का दर्द मिट जाता है ।
३, तेल में सुठ, लसन, अजमो और राइ गरम करके उसकी मालिश करने से कमर का दर्द मिट जाता है।
४। सुठ और हिंग तेल में गरम करके मालिश करने से कमर का दर्द मिट जाता है।

Wednesday, August 13, 2008

कुछ नुस्के [कब्जियत]

कब्जियात

१। पके टामाटर का एक कप रस पीनेसे कब्जियात दूर होगी ।
२। रात को थोड़े गरम पानी में नमक डालके पिने से कब्जियात दूर होगी।
३। नीबू का रस थोड़े गरम पानी में सुबह और रात को पीने से कब्जियात दूर होगी।
४। गरम पानी में एक चमच आदु का रस, एक चमच नीबू का रस और दो चमच मध मिलके पीने से कबजियत दूर होगी।
५। रात में सोने के वक्त, दो संतरा खाने से कबजियत दूर होगी।
६। तीन ग्राम मेथी का चूरन सुबह शाम गुर और पानी के साथ लेने से कबजियत दूर होगी।
७। रोज़ सुबह एक गलास ठंडे पानी में और रात को गरम दूध में दो चमच मध मिलके पीने से कबजियत दूर होगी।
८। पियाज़ को गरम राख में शेकने के बाद रोज़ सुबह खाने से कबजियत दूर होगी और शक्ती बढेगी ।