Monday, September 7, 2009

जब इरादा हो पक्का

नही पाव जमीन पर मेरे
छू लुंगी आसमान आज
आशियाना होगा चाँद सितारों में
जब इरादा हो पक्का

न डारूंगी तूफानों से
साथी है तूफ़ान मेरे
होगी रौशनी अंधेरो में
जब इरादा हो पक्का

न रुकुंगी थककर रस्ते में
चाहे चुबे कटे पग में
फूल बंजायेगे कांटे भी
जब हो इरादा पक्का

याद करेंगे सभी मुझे
करोंगी ऐसा काम
होगा दुनिया में नाम मेरा
जब हो इरादे पक्के

jab irada ho pakka

Thursday, September 3, 2009

भाभी

मेरी भाभी 


मनु ओ मनु, प्यार से पुकारती थी
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

माँ ने तो जनम दिया है,
भाभी ने गोद खिलाया है
उगली पकरकर चलना सिखाया है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

मेरे रूठने पर लाख मनाया है
मेरे रोने पर सीनेसे लगाया है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी


मायके न जाती अकेले
साथ मुझे ले जाती
भाभी के मम्मी को
नानी कहकर पुकारा है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

भाभी ही मेरी पूजा
भाभी ही मेरी आराधना
तुम्ही हो माता तुम्ही हो पिता
कहकर पुकारा है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

समां बदल गया,
वक्त गुजर गया
बदल गए सब रिश्ते
याद अब भी करता हूँ
कहा है मेरी भाभी,
जो कभी थी माँ जैसी