सब के घर मे उजाला
मेरे घर मे अँधेरा क्यों
सब के हाथो मे लकीरे
मेरा हाथ खाली क्यों
न झुकुगा तेरे आगे
करूँगा उजाला दीये से
जलाऊंगा दीया घर मे
अपने खून पसीने से
खिचुगा लकीरे अपने हाथो मे
मै अपनी महेनत से
होगा दुनिया मे नाम मेरा
मेरी अपनी महेनत से
न बैठे रहे बरोसे किस्मत के
मिलती है किस्मत महेनत से
परोसा हुआ खाना भी
खाना परता है हाथो से
माँ शक्ति दे इन हाथो मे
न जी चुराए कभी महेनत से
बदलूंगा तकदीर मेरी
मै पानी महेनत से
मेरे घर मे अँधेरा क्यों
सब के हाथो मे लकीरे
मेरा हाथ खाली क्यों
न झुकुगा तेरे आगे
करूँगा उजाला दीये से
जलाऊंगा दीया घर मे
अपने खून पसीने से
खिचुगा लकीरे अपने हाथो मे
मै अपनी महेनत से
होगा दुनिया मे नाम मेरा
मेरी अपनी महेनत से
न बैठे रहे बरोसे किस्मत के
मिलती है किस्मत महेनत से
परोसा हुआ खाना भी
खाना परता है हाथो से
माँ शक्ति दे इन हाथो मे
न जी चुराए कभी महेनत से
बदलूंगा तकदीर मेरी
मै पानी महेनत से