नही पाव जमीन पर मेरे
छू लुंगी आसमान आज
आशियाना होगा चाँद सितारों में
जब इरादा हो पक्का
न डारूंगी तूफानों से
साथी है तूफ़ान मेरे
होगी रौशनी अंधेरो में
जब इरादा हो पक्का
न रुकुंगी थककर रस्ते में
चाहे चुबे कटे पग में
फूल बंजायेगे कांटे भी
जब हो इरादा पक्का
याद करेंगे सभी मुझे
करोंगी ऐसा काम
होगा दुनिया में नाम मेरा
जब हो इरादे पक्के
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1 comment:
बहुत बढ़िया!!
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