Saturday, December 26, 2009

कैसा है मीत मेरा
ऐ हवाओ कुछ तो बताओ
होकर आयी हो उनकी गलियों से

धड़कता है जैसे दील मेरा
याद करके उनको
धक् धक् करता होगा दील उनका
ऐ हवाओ कुछ तो बताओ
होकर आयी हो उनकी गलियो से

नीद नहीं आती रातो में
करवटे बदलते है रातो में
वो भी तो गिनती होगी तारे रातो में
ऐ हवाओ कुछ तो बताओ
होकर आयी हो उनकी गलियो से

कुछ दीनोकी है यह दूरी
कुछ है मजबूरी
मिलेगे फीर हम तुम
नहीं रहेगी फीर दूरी
ऐ हवाओ तुम बताना उनको
जब वापस गुजरो उनकी गलियो से

Monday, September 7, 2009

जब इरादा हो पक्का

नही पाव जमीन पर मेरे
छू लुंगी आसमान आज
आशियाना होगा चाँद सितारों में
जब इरादा हो पक्का

न डारूंगी तूफानों से
साथी है तूफ़ान मेरे
होगी रौशनी अंधेरो में
जब इरादा हो पक्का

न रुकुंगी थककर रस्ते में
चाहे चुबे कटे पग में
फूल बंजायेगे कांटे भी
जब हो इरादा पक्का

याद करेंगे सभी मुझे
करोंगी ऐसा काम
होगा दुनिया में नाम मेरा
जब हो इरादे पक्के

jab irada ho pakka

Thursday, September 3, 2009

भाभी

मेरी भाभी 


मनु ओ मनु, प्यार से पुकारती थी
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

माँ ने तो जनम दिया है,
भाभी ने गोद खिलाया है
उगली पकरकर चलना सिखाया है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

मेरे रूठने पर लाख मनाया है
मेरे रोने पर सीनेसे लगाया है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी


मायके न जाती अकेले
साथ मुझे ले जाती
भाभी के मम्मी को
नानी कहकर पुकारा है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

भाभी ही मेरी पूजा
भाभी ही मेरी आराधना
तुम्ही हो माता तुम्ही हो पिता
कहकर पुकारा है
है वो मेरी भाभी पर माँ जैसी

समां बदल गया,
वक्त गुजर गया
बदल गए सब रिश्ते
याद अब भी करता हूँ
कहा है मेरी भाभी,
जो कभी थी माँ जैसी

Tuesday, May 12, 2009

माँ

कैसे भुला दु माँ तुजे,

तुने जनम दिया है मुझे

तेरी गोद में खेला है बचपन

हर साँस दी है तुने मुझे

कैसे भुला दु माँ तुजे

लगी जब ठोकर मुझे

दर्द हुआ है तब तुजे

कैसे भुला दु माँ तुजे

मेरी नीद में गवई राते तुने

मेरी एक हसी पर जान लुटाई तुने

कैसे भुला दु माँ तुजे

है वोः खुशनसीब जिनके साथ है माँ

मे बदनसीब दूंदता तुजे हर नगर में माँ

कैसे भुला दु माँ तुजे

जन्म दत्ता है प्रभु जननी है माँ

रब से पहेले नमन है तुझको माँ

कैसे भुलादू माँ तुजे