Tuesday, July 17, 2007

जीं भरके जीं ले

आज एक बार फिर सूरज को देखा
चांद को चांदनी रात मे जागते देखा
कल हम हो न हो पर
चांद सूरज हमेशा रहेंगे

आज एक बार सबसे मुस्क्राके बात कि
बिताये हुये पलो को साथ साथ याद किया
कल पुराने पल याद हो न हो
पर हम सदा याद रहेगे

कल जो होना हो वोह होगा
कल कि फिकर क्यो करे
आज तो जीं भरके जीं ले
कल जो होगा देखा जाएगा

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