Sunday, August 31, 2008

कैसे मिलेगे राम

राम का नाम है मुख में
रावण बसा है मन में
निकालो रावण को मन से
तभी मिलेगे राम

हरी हरी का जाप करके
हरिजन को धुतकारा है
गले मिला लो हरिजन को
तभी होगे हरी दर्शन


गीता पर हाथ रखकर
जूठ की बोली बोलते हम
सत्य को मानोगे जब
तभी मिलेगे कृष्ण

ढूढ़ते जिसे हम मन्दिर मस्जिद में
वोह बसा है हर दिल में
तोड़ो दिल किसी का
हर दिल में है राम

सब धरमो का एक है सार
है अनेक में एक
जो जाने इस सत्य को
उसने पाया भगवान

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